Garhwa बदहाली: झारखण्ड के गढ़वा में महुआ भांपकर खाने पर विवश आदिवासी परिवार, नवजात को दूध मवस्सर नहीं

Garhwa बदहाली: झारखण्ड के गढ़वा में महुआ भांपकर खाने पर विवश आदिवासी परिवार, नवजात को दूध मवस्सर नहीं

पत्नी की मौत के बाद टुटा पहाड़, घर में अनाज का दाना तक नहीं,

मुकेश तिवारी/संतोष वर्मा, रमकंडा/भंडरिया: गढ़वा जिले के भंडरिया प्रखंड के एक आदिवासी परिवार के घर में खाने के लिए अनाज का दाना तक नहीं है. वहीं इन दिनों महुआ भांपकर खाकर पूरा परिवार जिन्दगी गुजार रहा है. स्थिति ऐसी है की बिलिचदान तिर्की के नवजात बच्चे को दूध तक मवस्सर नही हो रहा है.

किसी तरह मोहल्ले के लोगों की ओर से दिए गए बिस्किट को घोलकर बच्चे को दूध की जगह पिलाया जा रहा है. यह कहानी है. भंडरिया प्रखंड के सुकृत पेट्रोल पम्प के बगल में रहने वाले बायाखुरा गांव निवासी बिलिचदान तिर्की की. दरअसल कुछ माह पहले नवजात को जन्म देने के बाद बिलिचदान तिर्की की पत्नी शबनम तिर्की की मौत तालाब में डूबने से हो गई. इस घटना के बाद पुरे परिवार पर दु:ख का पहाड़ टूट गया. घर में अकेली बूढी मां, स्वयं मानसिक रूप से सही नहीं रहने वाला बिलिच्दान के उपर अपने तीन बच्चों व एक नवजात की जिम्मेवारी ने उसे ऐसी स्थिति पर लाकर खडा कर दिया की उस परिवार के घर में अनाज का एक दाना तक मवस्सर नही हो रहा है.

राशन कार्ड है लेकिन इस महीने अनाज नही मिला

जानकारी देते हुए बिलिच्दान तिर्की सहित मोहल्ले के लोगों ने बताया की उसके पास राशन कार्ड भी है. लेकिन इस महीने उसे राशन तक नहीं मिला है. वहीँ जो अनाज मिलता है वह पर्याप्त नहीं है. स्थानीय मुखिया ने अनाज दिलाने का आश्वाशन दिया था.

लेकिन उस परिवार को अनाज नहीं मिल पाया. बिलिच्दान बताते हैं की थोड़ी बहुत मजदूरी करके बच्चों का पेट पाल लेते थे. लेकिन पत्नी की मौत के बाद तीन बच्चों सहित नवजात को देखना काफी मुस्किल काम है. ऐसे में वह मजदूरी भी कही करने नहीं जा सकता है. वहीँ घर में बूढी मां भी है. बताते हैं की इन दिनों महुआ का सीजन चल रहा है तो बच्चे कुछ महुआ चुनकर लाते हैं तो उसे ही भांपकर इन दिनों पूरा परिवार खाकर जीवन बिताने पर विवश है. बुधवार को देखा गया की भोजन के लिए उसके घर में चना के साथ महुआ भांपकर बर्तन में रखा हुआ था. स्थानीय ग्रामीण भी बताते हैं की कभी कभार उनकी और से भी सहयोग किया जाता है.

मृतक के आश्रित को नहीं मिला मुआवजा

स्थानीय ग्रामीण बताते हैं की तालाब में डूबने से पत्नी की मौत के मामले में मृतक के आश्रित को मुआवजा की भी नहीं मिला है. जबकि उसके पत्नी कीमौत करीब के करीब पांच महीने बीत चूका है.

आपूर्ति पदाधिकारी से बात कर जानकारी लेते हैं: अनुमंडल पदाधिकारी

इस संबंध में पूछे जाने पर रंका अनुमंडल पदाधिकारी रूद्र प्रताप ने कहा की वे आपूर्ति पदाधिकारी से बात कर मामले की जानकारी लेते हैं. जो भी होगा सभी तरह की सरकारी सुविधाये उपलब्ध करायी जाए

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Mukesh Tiwari
Author: Mukesh Tiwari

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