पलामू टाइगर रिजर्व में नए बाघ की एंट्री, जंगल में फिर गूंज उठी दहाड़
गढ़वा: पलामू टाइगर रिजर्व से एक बड़ी और उत्साहजनक खबर सामने आई है। रिजर्व के जंगलों में एक नए बाघ की एंट्री हुई है। यह बाघ करीब चार साल का नर प्रजाति का है, जिसकी तस्वीर पलामू टाइगर रिजर्व के हाई-रेजोल्यूशन कैमरे में कैद हुई है। नए बाघ की उपस्थिति की पुष्टि होते ही वन विभाग ने पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

नए बाघ की एंट्री के बाद बाघों की संख्या बढ़कर सात

वन विभाग के अनुसार, इस नए बाघ के आने के बाद पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की कुल संख्या सात हो गई है। बाघ के मूवमेंट वाले इलाके में अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं और वनकर्मियों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि नए बाघ की एंट्री की पुष्टि हो चुकी है और उसके हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है।

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बांधवगढ़ या छत्तीसगढ़ से आ सकता है नया बाघ

वन विभाग के अधिकारियों को शक है कि यह बाघ मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व या छत्तीसगढ़ के किसी जंगल क्षेत्र से पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में दाखिल हुआ है। इस बाघ के आने से पलामू के जंगलों में जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत मिला है।

2018 में शून्य थी संख्या, अब पलामू में लौटी बाघों की मौजूदगी

बाघों की यह वापसी पलामू टाइगर रिजर्व के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। वर्ष 2018 में जब राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की गिनती हुई थी,
तो पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या शून्य बताई गई थी। उसके बाद वर्ष 2020 में एक मृत बाघिन मिली थी, लेकिन 2021 से धीरे-धीरे बाघों की वापसी शुरू हुई। इससे यह स्पष्ट है कि पलामू के जंगल फिर से वन्यजीवों के अनुकूल होते जा रहे हैं।

वन विभाग सतर्क, निगरानी जारी


वन विभाग ने बाघ के मूवमेंट वाले क्षेत्रों में रात-दिन निगरानी, अतिरिक्त कैमरे, और फील्ड पेट्रोलिंग टीमों की तैनाती की है। स्थानीय लोगों से भी सावधानी बरतने की अपील की गई है। रिजर्व प्रशासन का कहना है कि किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए सभी टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।

पलामू टाइगर रिजर्व का गौरव फिर लौट रहा है

देश के सबसे पुराने टाइगर रिजर्वों में से एक पलामू टाइगर रिजर्व, जो 1973 में बने प्रोजेक्ट टाइगर के शुरुआती नौ रिजर्वों में शामिल था, अब एक बार फिर बाघों की मौजूदगी से चर्चा में है। वन विभाग का कहना है कि लगातार निगरानी, बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा उपायों के कारण यहां वन्यजीवों की संख्या में सुधार देखा जा रहा है।


