राजस्थान में फंसा गढ़वा का आदिम जनजाति परिवार, ठेकेदार के चंगुल में तीन महीने से दर-दर भटक रहा संजय कोरवा
गढ़वा: झारखंड में एक ओर सरकार “आदिम जनजाति उत्कर्ष अभियान” चला रही है, वहीं दूसरी ओर गढ़वा जिले का एक आदिम जनजाति परिवार राजस्थान में दर-दर भटकने को मजबूर है।

गढ़वा जिले के सारो गांव निवासी संजय कोरवा, पिता रामचंद्र कोरवा, रोजगार की तलाश में राजस्थान गए थे।

वहां एक ठेकेदार ने उन्हें काम देने का झांसा देकर अपने साथ ले गया, लेकिन बाद में उन्हें ठेकेदार के चंगुल में फंसा छोड़ दिया।

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अब संजय कोरवा तीन महीने से राजस्थान में फंसे हुए हैं, उनके पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं।

राजस्थान के एक स्थानीय व्यक्ति ने जब उन्हें अकेले और परेशान देखा, तो बातचीत के बाद पूरी कहानी सोशल मीडिया पर साझा की।

तभी जाकर यह मामला सामने आया।

वीडियो में संजय कोरवा ने अपना नाम, पिता का नाम रामचंद्र कोरवा और गांव सारो, गढ़वा जिले का निवासी होने की जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि उन्हें मजदूरी का झांसा देकर राजस्थान लाया गया, लेकिन काम न मिलने पर उन्हें बिना पैसे और मदद के छोड़ दिया गया।


अब स्थानीय लोग और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता झारखंड सरकार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गढ़वा के उपायुक्त से

अपील कर रहे हैं कि इस परिवार की तत्काल राहत और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए।

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