उत्तरप्रदेश: रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने के कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल इस जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं करेगी. याचिका पर तुरंत सुनवाई के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की पीठ के समक्ष मामला उठाया गया था. गाजियाबाद के भोला दास की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है. वहां पर निर्माणाधीन मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जाना है. और इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो रहे हैं। याची का कहना है कि यह प्राणप्रतिष्ठा गलत है. क्योंकि, सनातन धर्म के अगुवा शंकराचार्यों की ओर से इस पर आपत्ति उठाई गई है.
