रमकंडा में हाथियों का कहर! खेतों में मचाई तबाही, किसान की दो एकड़ फसल चंद मिनटों में तबाह
रमकंडा: गढ़वा जिला के रमकंडा प्रखंड से एक बार फिर हाथियों के उत्पात की डरावनी तस्वीर सामने आई है।
रविवार की रात जब गांव के लोग गहरी नींद में थे, तभी होमिया गांव के दक्षिण टोला में अचानक हड़कंप मच गया।
करीब छह से सात हाथियों के झुंड ने गांव में धावा बोल दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, झुंड में दो छोटे हाथी भी शामिल थे, जो बड़ों के साथ गांव में घुस आए और खेतों में तबाही मचाने लगे।
सबसे ज्यादा नुकसान दक्षिण टोला निवासी किसान सुरेंद्र प्रजापति को हुआ है।
उनके लगभग दो एकड़ खेत में लगी सब्जी की फसल को हाथियों ने रौंदकर चकनाचूर कर दिया।
दो एकड़ में लहलहाती थी मेहनत की फसल:
सुरेंद्र प्रजापति ने बताया कि उन्होंने इस मौसम में खीरा, तरबूज, ककड़ी, भिंडी और नेनुआ जैसी फसलें उगाई थीं।
हर पौधे में उनकी उम्मीदें फली-फूली थीं।
लेकिन हाथियों के झुंड ने मिनटों में सारी मेहनत मिट्टी में मिला दी।
टूटे पौधे, बर्बाद फल और उजड़े खेत आज उनकी लाचारी की कहानी कह रहे हैं।
किसान का दर्द छलका:
भावुक सुरेंद्र ने कहा —
“सपने संजोकर खेत में पसीना बहाया था, सोचते थे इस बार बच्चों की पढ़ाई और घर की हालत सुधर जाएगी। पर अब सब खत्म हो गया।”
उन्होंने वन विभाग से उचित मुआवजे की मांग की है ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।
सुरेंद्र ने कहा कि अगर जल्द राहत नहीं मिली, तो उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
गांव में पसरा दहशत का सन्नाटा:
हाथियों के हमले के बाद पूरे होमिया गांव में दहशत का माहौल है।
लोग रात भर जगते रहे, कोई लकड़ी लेकर तो कोई मशाल लेकर हाथियों को भगाने की कोशिश करता रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि ये पहला मौका नहीं है जब हाथियों ने गांव पर हमला किया हो, लेकिन इस बार तबाही कहीं ज्यादा बड़ी है।
वन विभाग से कार्रवाई की मांग:
ग्रामीणों ने वन विभाग से अपील की है कि जल्द से जल्द हाथियों को गांव से बाहर खदेड़ा जाए और पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जाए।
सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर कब तक ग्रामीण अपने खेत और जान-माल की रक्षा के लिए खुद को असहाय महसूस करते रहेंगे?
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