Garhwa News: गढ़वा में पहली बार क्रेन से उठाकर पुल की होगी मरम्मत, उद्घाटन से पहले धंस गया है 3.21 करोड़ की पुल का स्लैब
रमकंडा: मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत हरहे, चटकमान गांव के बीच हाठु नदी पर 3.21 करोड़ की लागत से बने उच्च स्तरीय पुल में रबड़ कोटेड प्लेट के गलत तरीके से लगाने के कारण पुल का स्लैब धंस गया. वहीं स्लैब का भार पड़ते ही पुल में दरार पड़ गयी. गुरुवार को कोलकाता से पहुंची एक प्राइवेट कंपनी के लोगों ने इसकी जांच के बाद कारणों के बारे में कही. कहा की अब इस पुल के स्लैब को क्रेन के जरिये उठाकर इसकी मरम्मत की जायेगी.
नया रबड़ कोटेड प्लेट को लगाने के बाद ही इसमें सुधार किया जा सकता है. दरअसल विशेष प्रमंडल की ओर से चार महीना पहले बनकर तैयार हुआ यह पुल उद्घाटन से पहले ही क्षतिग्रस्त होने लगा. वहीं पुल का स्लैब धंस गया. इसके अलावे पुल के बैरिकोट में दरार पड़ गयी. जिसे छुपाने के लिए संवेदक ने उपर से सीमेंट से लिपाई कर दी. इसके साथ ही पुल निर्माण के गार्टर में भी दरारे पड़ गयी है.
स्लैब धंसने व दरार पड़ने के बाद मुखिया श्रवण प्रसाद के नेतृत्व में स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था. जिसके बाद रविवार को पुल निर्माण कार्य की जांच करने पहुंचे कनीय अभियंता सुदीप कुमार व संवेदक को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा. वहीं जेई ने भी तकनीकी गड़बड़ियों के कारण स्लैब धसने की बात को स्वीकार किया. जिसके बाद इसे ठीक करने के लिये जेई व संवेदक ने इस तरह के मामलों के जानकार एक कोलकाता की कंपनी के लोगों को लेकर निर्माण स्थल पर पहुंचे थे.
पहले पुल में गड़बड़ियों को करें ठीक, उसके बाद होगा दूसरा काम
इस दौरान ग्रामीण शंभु चौधरी, विंरेंद्र साव, उमेश साव, सुरेंद्र राम सहित अन्य ग्रामीणों ने संवेदक को चेतावनी दी कि पहले पुल निर्माण में हुई गड़बड़ियों को ठीक करें. इसके बाद ही अब संपर्क पथ के बचे हुए अन्य कार्य को करने दिया जायेगा. कहा कि शुरू से ही पुल निर्माण में गड़बड़ी हो रही थी. जिसका विरोध ग्रामीण कर रहे थे. लेकिन जेई व संवेदक ने ग्रामीणों की एक भी बात को नही सुना. जिसका नतीजा है कि चार महीने में ही पुल का स्लैब धंसा व दरार पड़ने लगी.
