Indian Railways News: बरवाडीह-चिरमिरी रेल लाइन प्रोजेक्ट फेल, अब गढ़वा रोड से जुड़ेगा छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर, रेलमार्ग के लिए भू अर्जन का आदेश जारी

Indian Railways News: बरवाडीह-चिरमिरी रेल लाइन प्रोजेक्ट फेल, अब गढ़वा रोड से जुड़ेगा छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर, रेलमार्ग के लिए भू अर्जन का आदेश जारी

मुकेश तिवारी, गढ़वा:  झारखंड के बरवाडीह चिरमिरी(छत्तीसगढ़)रेल लाइन के दशकों से लंबित रहने और इसके किर्यान्वयन में आ रही कठिनाइयों के बाद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को गढ़वा रोड स्टेशन से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है. सर्वे के बाद इस प्रस्ताव पर रेलमार्ग बनाने के लिये बलरामपुर(छत्तीसगढ़)के जिलाधिकारी को भू अर्जन का आदेश दिया गया है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के उपमहाप्रबंधक समीरकान्त माथुर ने गत 26 नवंबर को यह आदेश जारी किया है. यानी देर सबेर झारखंड और छत्तीसगढ़ इस रेल लाइन के माध्यम से जुड़ जायेगा.

उल्लेखनीय है कि बरवाडीह चिरमिरी रेलमार्ग की दूरी 198 किमी होने से इसमें स्टेशनों की संख्या बढ़ रही थी. इसमें झारखंड के बड़गड़, बिन्दा, पररो, हुटार, व बरवाडीह सहित छह स्टेशन बनाने का प्रस्ताव था. साथ ही उक्त मार्ग में भू अर्जन अधिक करने के साथ ही जंगल पहाड़ से गुजरने में व्यय भी अधिक हो रहा था. इसलिए रेल मंत्रालय ने इसके विकल्पों की तलाश शुरू कर दी. वहीं दूसरे विकल्प के रूप में बरवाडीह चिरमिरी की बजाय अम्बिकापुर रेनुकूट मार्ग का निर्माण ज्यादा आसान लगा. इस मार्ग की दूरी कम होने के साथ(171 किमी) भू अर्जन में कम खर्च होने से इस रेलमार्ग की लागत अपेक्षाकृत कम पड़ रही थी. वहीं इसी प्रस्ताव को किर्यान्वित करने की सलाह मंत्रालय को दी गयी थी. लेकिन अब तीसरे विकल्प के रूप में मंत्रालय ने गढ़वा रोड से इसे जोड़ने की कवायद शुरू की है.

1936 में बना था बरवाडीह चिरमिरी रेलमार्ग का प्रस्ताव

सबसे पहले वर्ष 1936 में अंग्रेजो के समय बरवाडीह से चिरमिरी तक रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ था. इसके बाद इस मार्ग के नदी नालों को जोड़ने के लिए पुल पुलिया बनाने से लेकर कई जगह स्टेशन घर भी बनाये गए थे. लेकिन बाद में यह काम रुक गया. आजादी के बाद भारत सरकार ने वर्ष 1970-71 में बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की. लेकिन फिर यह मामला लटक गया. यधपि इसे लेकर स्थानीय सांसदों ने लोकसभा में कई बार यह मामला उठाया. इधर चार जनवरी 2023 को इस परियोजना को लेकर दिल्ली में रेलवे बोर्ड की बैठक हुई. पर बात आगे नही बढ़ी. इसके बाद रेलवे ने झारखंड छत्तीसगढ़ के इस संपर्क मार्ग के लिए विकल्पों की तलाश शुरू कर दी. ताकि दूरी कम होने के साथ भू अर्जन भी कम से कम करना पड़े.

रेलवे के नए संकल्प से जगी आस, झाबर में बनेगा जक्शन

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के परामर्शदात्री मुकेश तिवारी ने बताया की रेल परियोजना को लेकर झारखंड से अधिक छत्तीसगढ़ के लोग व जनप्रतिनिधि गंभीर है. वहीं झाबर में जक्शन बनाने का प्रस्ताव है. लेकिन इसका विरोध भी हो रहा है. प्रशासन को भू अर्जन का आदेश मिलते ही रैयतों का विरोध एवं लोगों का रेलवे को सुझाव देना दोनों शुरू हो गया है. लेकिन इतना तय है की गढ़वा रोड-अम्बिकापुर रेलमार्ग पर अब काम अवश्य शुरू होगा. और जल्द इसका किर्यान्वयन होगा.

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Mukesh Tiwari
Author: Mukesh Tiwari

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