समय पर डिग्री देने के निर्देश, गोल्ड मेडल में बेटियाँ आगे: नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
पलामू | संवाददाता
झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों को अब छात्रों को समय पर डिग्री देने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह घोषणा राज्यपाल संतोष गंगवार ने रविवार को नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में नियमित कक्षाओं और परीक्षा प्रणाली को दुरुस्त किया जाएगा ताकि छात्रों को समय पर डिग्री मिल सके।

राज्यपाल ने कहा, “नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय की स्थापना को 16 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अब तक केवल तीन बार दीक्षांत समारोह हुए हैं। यह दर्शाता है कि छात्रों को समय पर उनकी डिग्री नहीं मिल पाई। यह स्थिति सुधारनी होगी।”

राज्यपाल ने यह भी कहा कि झारखंड में गोल्ड मेडल पाने वालों में सबसे अधिक छात्राएँ हैं, जो एक “विकसित भारत की दिशा में सकारात्मक संकेत” है। उन्होंने युवाओं से कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि समाज के साथ आगे बढ़ना भी होना चाहिए।

‘राजनीति में भी आएं उच्च शिक्षित युवा’ – वित्त मंत्री राधाकृष्णन

कार्यक्रम में उपस्थित वित्त मंत्री राधाकृष्णन ने कहा कि सच्ची शिक्षा का अर्थ केवल डिग्री पाना नहीं, बल्कि समाज में सम्मान और सामंजस्य स्थापित करना है। उन्होंने कहा, “उच्च शिक्षा प्राप्त लोग अधिकारी बनने की बात तो करते हैं, पर शायद ही कोई कहता है कि वह विधायक या सांसद बनेगा। समाज में बदलाव के लिए शिक्षित युवाओं को राजनीति में भी आगे आना चाहिए।”

वित्त मंत्री ने विश्वविद्यालय से सवाल किया कि “पलामू जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्र में जल संचयन के लिए भूविज्ञान विभाग ने क्या कदम उठाए हैं?” उन्होंने बताया कि पिछले 18 वर्षों में केवल 157 विद्यार्थियों ने पीएचडी में पंजीकरण कराया है, जो चिंता का विषय है।

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उन्होंने घोषणा की कि राज्य में एक यूनिवर्सिटी कमीशन का गठन किया जाएगा, जो शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा।

77 छात्रों को मेडल, बेटियों ने मारी बाजी


दीक्षांत समारोह में 77 छात्रों को मेडल प्रदान किए गए, जिनमें से 41 छात्राएँ और 31 छात्र थे। 72 छात्रों को गोल्ड मेडल मिला, जबकि 5 छात्रों को पीएचडी उपाधि दी गई। समारोह में राज्यपाल के साथ वित्त मंत्री, सांसद विष्णुदयाल राम, सांसद कालीचरण सिंह, उपायुक्त समीरा एस., एसपी रीष्मा रमेशन सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

कार्यक्रम के दौरान झारखंड विधानसभा के पहले स्पीकर इंदर सिंह नामधारी भी उपस्थित थे। राज्यपाल की अनुमति से उन्हें मंच पर आमंत्रित किया गया।

छात्र संगठनों का हंगामा, कई हिरासत में


समारोह के दौरान छात्र संगठनों का विरोध भी देखने को मिला। छात्र नेताओं का आरोप था कि उन्हें कार्यक्रम में पीछे की सीटें दी गईं और जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। नाराज छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार किया। इससे पहले प्रशासन ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी।
दीक्षांत समारोह से पहले आजसू छात्र संघ और वाईजेके के कई सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया।
