गोदरमाना में लाडली सेवा सदन सील, संचालक गिरफ्तार – अवैध अल्ट्रासाउंड और भ्रूण लिंग परीक्षण का खुलासा
गढ़वा (झारखंड): गढ़वा जिले के रंका प्रखंड के गोदरमाना गांव में स्थित लाडली सेवा सदन पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संस्थान को सील कर दिया है। इस छापेमारी के दौरान अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड मशीन, गर्भपात की दवाएं, इंजेक्शन और अन्य आपत्तिजनक मेडिकल सामग्री बरामद की गई है। इस पूरे मामले में क्लिनिक की संचालिका तबस्सुम आरा और उनके पति शाहिद आलम को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग परीक्षण, फिर गर्भपात की होती थी तैयारी
जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त शेखर जमुआर को गुप्त सूचना मिली थी कि गोदरमाना में अवैध रूप से लिंग परीक्षण किया जा रहा है। चूंकि यह इलाका छत्तीसगढ़ सीमा से सटा हुआ है, यहां झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों से महिलाएं आती थीं। पैसे के लालच में उनका गैरकानूनी अल्ट्रासाउंड कर भ्रूण का लिंग परीक्षण किया जाता था।
बिना भनक के छापेमारी, परत दर परत खुला राज
उपायुक्त के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी रंका रूद्र प्रताप के नेतृत्व में एक जांच दल गठित किया गया, जिसमें रंका के अंचल अधिकारी शिवपूजन तिवारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. असजद अंसारी, और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रोहित रंजन सिंह शामिल थे। टीम ने अचानक लाडली सेवा सदन में छापेमारी की।
हालांकि संचालिका तबस्सुम आरा ने शुरुआत में अल्ट्रासाउंड की बात से इनकार किया, लेकिन एक महिला मरीज अंकिता देवी ने कबूल किया कि वह पहले भी यहां दो बार अल्ट्रासाउंड करा चुकी हैं। अल्ट्रासाउंड के लिए बताए गए बंद कमरे की जब तलाशी ली गई तो वहां एक नवजात बच्चा मिला और पास के एक “वॉशरूम” लिखे कमरे में अल्ट्रासाउंड मशीन, बेड, जेल, ग्लव्स सहित कई मेडिकल उपकरण मिले।
गर्भपात की दवा, इंजेक्शन और जाली मेडिकल मुहरें बरामद
छापेमारी के दौरान क्लिनिक से गर्भपात कराने वाली दवाएं, बेहोश करने वाले इंजेक्शन, कई प्रतिबंधित दवाएं, डॉक्टरों की फर्जी मोहर और पर्चियां भी जब्त की गईं। मरीज पंजी रजिस्टर में अमिता सिंह नामक एक अन्य महिला का भी अल्ट्रासाउंड दर्ज मिला, जिसकी रिपोर्ट और पंजी जब्त कर ली गई है।
नवजात शिशु अस्पताल में भर्ती, संचालिका ने बताई झाड़ी में मिलने की कहानी
उसी अल्ट्रासाउंड कमरे से एक नवजात शिशु (लड़का) भी मिला, जिसे तत्काल 108 एम्बुलेंस से गढ़वा सदर अस्पताल भेजा गया, जहां उसे NICU में भर्ती किया गया है। संचालिका तबस्सुम आरा ने दावा किया कि यह बच्चा उन्हें झाड़ी में पड़ा मिला था, लेकिन उसके माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा सकी।
कड़ी कार्रवाई का ऐलान, अन्य क्लिनिकों को भी चेतावनी
उपायुक्त शेखर जमुआर ने स्पष्ट कहा है कि गर्भ में लिंग परीक्षण और गर्भपात कराना कानूनन अपराध है और इस प्रकार के कार्य में संलिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही सभी नर्सिंग होम व क्लिनिक को चेतावनी दी गई है कि वे इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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