गढ़वा : तीन अंचल क्षेत्रों की नदियों से बड़े पैमाने पर अवैध बालू का उत्खनन, 24 घंटे बालू की होती है ढुलाई

रमकंडा क्षेत्र में जगह जगह पर डंप हो रहा है अवैध बालू, चार हजार रुपये तक बेच रहे हैं बालू माफिया
गढ़वा: गढ़वा जिले के सुदूरवर्ती रंका, रमकंडा व भंडरिया क्षेत्रों की नदियों से इन दिनों बड़े पैमाने पर बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है. जिले के रंका क्षेत्र के गोदरमाना स्थित कनहर नदी के भौंरी व धसनी से बेख़ौफ़ बालू का उत्खनन कराकर उसे बालू माफिया रमकंडा के विभिन्न क्षेत्रों में डंप कर रहे हैं. इसी तरह भंडरिया के कुरुन गांव स्थित सपही नदी, जोन्हीखांड़, सरसतिया, बगडेगवा व इसी गांव के बगल से गुजरी पलामू के कोयल नदी के अलावे रमकंडा के चेटे स्थित हाठु, बलिगढ़ के पपरा, जूतीडूमर, गोबरदाहा सहित अन्य छोटी नदियों से उत्खनन किये गये अवैध बालू लेकर ट्रैक्टर रमकंडा की सड़कों पर बेख़ौफ़ रूप से दौड़ रहा है. इन नदियों से उत्खनन किये गये अवैध बालू को रमकंडा के तेतरडीह, कुशवार, बलिगढ़, होमिया, चुटिया, दुर्जन, रकसी, चेटे, रमकंडा सहित अन्य क्षेत्रों में डंप कर इसे बालू माफिया ऊंचे दामों पर इसे बेच रहे हैं. लेकिन अवैध बालू के मामले में इन दिनों अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
थाना प्रभारी व सीओ को उपायुक्त ने दिया है निर्देश
उल्लेखनीय है कि पिछले चार जनवरी को उपायुक्त ने अवैध खनन एवं परिवहन के विषय पर गठित टास्क फोर्स की ऑफलाइन एवं ऑनलाइन बैठक में टास्क फोर्स के अलावे संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी व अंचल अधिकारी को बालू के अवैध खनन एवं इसके परिवहन के मामलों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. लेकिन गढ़वा उपायुक्त के निर्देशों की अवहेलना कर इस क्षेत्र से बड़े पैमाने पर बालू का उत्खनन कर इसे जगह जगह पर डंप किया जा रहा है. प्रत्येक माह इस मामले को लेकर जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक के बावजूद अवैध खनन, परिवहन और बालू के अवैध भंडारण पर कार्रवाई की बात होती है. लेकिन इसका किर्यान्वयन धरातल पर नही होता दिख रहा है.
खोखली हो रही इन क्षेत्रों की नदियां
इन क्षेत्रों से इस तरह बालू का अवैध उत्खनन होने से इन नदियों का अस्तित्व खतरे में है. बताया जाता है कि पूर्व में एनजीटी की रोक व हाइकोर्ट की सख्ती के बाद इन नदियों से बालू उत्खनन नही हो रहा था. लेकिन हाइकोर्ट की सख्ती के समाप्त होते ही पूरे क्षेत्र में बालू का अवैध कारोबार शुरू हो गया. इस तरह बालू के इस अवैध कारोबार के मामलों पर पिछले दिनों कुशवार गांव में आयोजित चार गांवों की बैठक में भी ग्रामीणों ने बालू के मामलों पर विरोध किया. ग्रामीणों ने कहा कि पहले यहां के लोगों को 700 रुपये प्रति ट्रैक्टर बालू मिलता था. लेकिन अब बालू माफिया इसे ढाई हजार से चार हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर बेच रहे हैं.
अभी तक हम गाड़ी नही देखे हैं, जांच कर कार्रवाई की जायेगी: सीओ
इस संबंध में पूछे जाने पर भंडरिया के सीओ राकेश भूषण सिंह ने कहा कि अभी तक बालू लदी ट्रैक्टर नही देखे हैं. लेकिन मामला संज्ञान में आया है तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
ठीक है कहकर फोन काट दिया: डीएमओ
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला खनन पदाधिकारी ननदेव बैठा ने कहा कि ठीक है, यह कहकर उन्होंने फोन काट दिया.
Mukesh Tiwari
Author: Mukesh Tiwari

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