गढ़वा: रमकंडा में दस साल पहले हुई मौत की यादें हुई ताजा, पड़ोसी की लापरवाही ने छिना दो मासूम की जिन्दगी,घर में नहीं जला चूल्हा

गढ़वा: रमकंडा में दस साल पहले हुई मौत की यादें हुई ताजा, पड़ोसी की लापरवाही ने छिना दो मासूम की जिन्दगी,घर में नहीं जला चूल्हा

रमकंडा: प्रखंड के रक्सी पंचायत के अधीन दाहो गांव के फगमरी टोले में शुक्रवार की शाम हुई घटना में पडोसी की लापरवाही बरतने की बात कही जा रही है. एक छोटी सी लापरवाही में हुई इस घटना को सुनकर गांव के लोग स्तब्ध हैं. बताया गया की पडोसी ने अपने घर में बिजली जलाने के लिए नंगा विद्युत तार लगाया था, जो खेत में टूटकर लटका हुआ था.

घटना के बाद मृतक के घर चुल्हा तक नहीं जला. घर के किचन में शाम को बनाने के लिए सब्जी काटकर धरा रह गया. एक दिन पहले हुई घटना से परिवार उजड़ गया. मृतक बच्चो के पिता प्रदेश में मजदूरी कर घर परिवार चलाते हैं. इधर गांव में हुई इस घटना ने 10 साल पहले इसी गांव में अगलगी की घटना में हुई दो मासूम भाइयों की मौत की यादें ताजा कर दी.

उल्लेखनीय है की पिछले 18 अप्रैल 2014 को इसी गांव में मुनारिक भुइयां के घर में हुई अगलगी की घटना में भी दो मासूम भाइयों की जान चली गई थी. मुनारिक भुइयां के दो पुत्र भूलन भुइयां (नौ वर्ष) और रमन भुइयां (छह वर्ष) की मौत घर के एक कमरे में रखे पुआल में आग लगने से हो गई थी.

दोनो बच्चे पूरी तरह झुलस गए थे. संयोग रहा की यह घटना भी शुक्रवार दिन को हुई थी. इस घटना में भी मृतक बच्चों की मां बिमली देवी बचाने में खुद झुलस गई थी.

सगे भाइयों का अंत्यपरीक्षण के बाद हुआ अंतिम संस्कार

खेत में लटके नंगा विद्युत तार की चपेट में आने से जोगेंद्र पासवान के 10 वर्षीय पुत्र शिवम पासवान और आठ वर्षीय पुत्र शिवा पासवान दो सगे भाइयों का शनिवार को अंत्यपरीक्षण कराया गया, जिसके बाद दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

अंत्यपरीक्षण के बाद घर में शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. परिजन चीत्कार मार कर रोने लगे. ग्रामीण और पड़ोसियों के समझाने के बाद मृतक बच्चों के परिजन थोड़े शांत हुए. जिसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.

विदित हो की दोनों मासूम भाई शुक्रवार की शाम शाम करीब पांच बजे घर के पास ही खेल रहे थे. इसी दौरान खेलते खेलते दोनों भाई घर के बगल में मक्के के खेत में चले गये. जहां खेत में काफी नीचे लटके विद्युत का नंगा तार की चपेट में दोनों बच्चे आ गये. थोड़ी देर बाद अंधेरा होते ही बच्चो को खोजने निकली उसकी मां और बड़ा भाई खेत में गिरा देखकर उसे उठाने गये.

तो उन्हें भी बिजली का झटका लगने लगा. इसके बाद हो हल्ला करने पर ग्रामीण जमा हुये. वहीं बच्चों को विद्युत तार से अलग कर उसे अस्पताल ले जाने लगे. लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी.

मां भी अगलगी का हो चुकी है शिकार

ग्रामीण बताते हैं की इस परिवार पर शुरूआती दौर से ही दुखों का पहाड़ टूटते आया है. बताते हैं की मृतक बच्चों की मां सबिता देवी भी वर्षों पहले हुई एक घटना में अगलगी शिकार हो चुकी है. हालांकि इलाज के बाद उसकी स्थिति बेहतर हो गई. जिसके बाद पति के प्रदेश में कमाने जाने के बाद भी अपने पांच बच्चों का पालन पोषण किया. वहीं एक बेटी की शादी भी कर चुकी है. ग्रामीण बताते हैं की आर्थिक रूप से कमजोर इस परिवार को मदद की जरूरत है.

विद्युत विभाग के अधिकारीयों ने जांच की

घटना की जानकारी के बाद शनिवार को विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता निरंजन सिसोदिया, विद्युत कनीय अभियंता दीपक कुमार व लाइनमैन सिकंदर कुमार व कर्मी आकाश ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच की.

जांच के बाद कनीय अभियंता दीपक कुमार ने बताया की इस घटना में विद्युत विभाग की कोई गलती नहीं है. पडोसी ने अपने पुराने घर से नए घर में बिजली जलाने के लिये नंगा तार लगाया था. जिसके चपेट में आने से यह घटना हुई है. बताया की इस मामले को लेकर थाना में सनहा दर्ज कराया जायेगा.

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Mukesh Tiwari
Author: Mukesh Tiwari

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