मंडल डैम डूब क्षेत्र के विस्थापितों की बैठक, नीलांबर-पीतांबर संघर्ष समिति ने रखी पुनर्वास समेत कई मांगें

मंडल डैम डूब क्षेत्र के विस्थापितों की बैठक, नीलांबर-पीतांबर संघर्ष समिति ने रखी पुनर्वास समेत कई मांगें

बड़गड़: मंडल डैम डूब क्षेत्र के ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर नीलांबर-पीतांबर संघर्ष समिति ने रविवार को एक बैठक आयोजित की। बैठक में मुख्य रूप से पुनर्वास की जटिलताओं पर चर्चा की गई और सरकार से कई मांगें उठाई गईं।

ग्रामीणों ने मांग की कि

पूर्व राजस्व दस्तावेज़ के आधार पर भूमि ऑनलाइन कर रसीद निर्गत की जाए।

जाति और निवास प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए।

1857 के क्रांतिवीर नीलांबर-पीतांबर के गांव चेमो सनया को पर्यटन स्थल का दर्जा दिया जाए।

बैठक की अध्यक्षता अनिल हपतगड़ा और संचालन संजीव मिंज ने किया।

फर्जी सर्वे और ग्राम सभा का विरोध

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 2018 के सर्वे में कई बाहरी लोगों का नाम सूची में शामिल कर लिया गया, जबकि वास्तविक रैयत ग्रामीणों को नज़रअंदाज़ किया गया। कई ग्रामीण आजीविका और बच्चों की पढ़ाई के लिए गांव से बाहर रहते हैं, लेकिन उन्हें सूची से बाहर कर दिया गया।

वक्ताओं ने फर्जी ग्राम सभा का विरोध करते हुए कहा कि यह विस्थापितों के अधिकारों के खिलाफ है।

पेसा कानून पर चर्चा

बैठक में उपस्थित लोगों को पेसा कानून अधिनियम की जानकारी दी गई। वक्ताओं ने बताया कि पेसा कानून का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों को उनके क्षेत्र में स्वशासन का अधिकार देना है।

बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति

बैठक में वक्ता संजय सिंह, काशीनाथ सिंह, अलबिस मिंज, सुनील खलखो, राजेश कच्छप, लखन यादव, पुष्पा कुजूर, महेंद्र प्रसाद समेत कई लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम का समापन “शहीद नीलांबर-पीतांबर अमर रहें” के नारों के साथ हुआ।

बैठक में डूब क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए सैकड़ों महिला एवं पुरुष ग्रामीण उपस्थित थे।

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Mukesh Tiwari
Author: Mukesh Tiwari

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