गढ़वा के इस पूजा पंडाल में इस बार दशहरे पर छऊ नृत्य होगा मुख्य आकर्षण

गढ़वा के इस पूजा पंडाल में इस बार दशहरे पर छऊ नृत्य होगा मुख्य आकर्षण

गढ़वा: रामकंडा प्रखंड मुख्यालय के बिचला टोला स्थित दुर्गा बाड़ी मंदिर में हर वर्ष की तरह इस बार भी नवजीवन संघ की ओर से धूमधाम से दुर्गोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

समिति के अध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि इस बार पूजा पंडाल को भव्य रूप में सजाया जा रहा है और नौ दिनों तक विशेष प्रवचन का आयोजन होगा।

इस अवसर पर चित्रकूट के प्रसिद्ध पंडित श्री कृष्ण कुंडल जी महाराज प्रवचन देंगे।वहीं, विजयादशमी के दिन छऊ नृत्य का विशेष आयोजन किया जाएगा, जो इस बार का मुख्य आकर्षण होगा। छऊ नृत्य झारखंड-बंगाल की पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालु और दर्शक बड़ी संख्या में जुटेंगे।

पूजा का इतिहास

बिचला टोला के दुर्गा बाड़ी में वर्ष 1966 में दुर्गा पूजा की शुरुआत हुई थी। उस समय गांव के बुजुर्गों ने सामूहिक सहयोग से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की थी। पूजा की शुरुआत एक साधारण झोपड़ी से हुई थी, लेकिन आज यह परंपरा एक भव्य मंदिर तक पहुंच चुकी है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की परंपरा

नवजीवन संघ के अध्यक्ष अमित प्रसाद ने बताया कि पहले दशहरे के अवसर पर यहां नाटक का मंचन होता था,जिसमें हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर भाग लेते थे। समय के साथ कार्यक्रमों का स्वरूप बदला, लेकिन पूजा और सांस्कृतिक परंपरा लगातार आगे बढ़ती रही।

अन्य जगह भी होगी धूमधाम

वहीं, रमकंडा के बाजारी टोला में भी दुर्गा पूजा की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। यहां वर्ष 1962 में पहली बार दुर्गा पूजा का आयोजन हुआ था। उस समय अख्लेश्वर मुखिया, नन्हक साव और जगरनाथ साव समेत कई लोगों ने मिलकर इसकी शुरुआत की थी।

इस वर्ष भी यहां भक्तों के बीच उत्साह का माहौल है।

 

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Mukesh Tiwari
Author: Mukesh Tiwari

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